दोस्तों आप सॉफ्टवेयर के बारे में जानना चाहते है की Software Kya Hai, Software Kya Hota Hai, computer software kya hai, Software in hindi आप सही जगह पर आये है। यहाँ आपको सॉफ्टवेयर के विषय में सभी जानकारी प्रदान की जायेगी।

आज इंटरनेट और मोबाइल के युग में रोजाना अनेकों तरह के सॉफ्टवेयर डेवलप हो रहे है जिनका उपयोग लोगो के दैनिक जीवन के कामो को आसान बनाने के के लिए किया जाता है जैसे फ़ोन पे से पेमेंट करना, एटीएम से पैसे निकलना, इंटरनेट पर जाकर फॉर्म भरना, आधार कार्ड बनवाना, रेल टिकट बुक करवाना, नेट बैंकिंग से पैसे ट्रांसफर करवाना इत्यादि।

अगर आप कोई न कोई कंप्यूटर या लैपटॉप या मोबाइल का कोई अन्य डिवाइस का उपयोग करते है उन सभी में कोई ना कोई सॉफ्टवेयर जरूर इनस्टॉल होता है क्यू की बिना Software के यह डिवाइस वर्क नहीं कर सकती है। और बिना सॉफ्टवेयर ये केवल एक हार्डवेयर डिवाइस है।

तो दोस्तों आज हम जानेंगे की Software Kya Hai in hindi,Software Kya Hota है, सॉफ्टवेयर का उपयोग क्या क्या है ?

Software क्या है ? (What is Software in Hindi)

आसान भाषा में कहे तो सॉफ्टवेयर बहुत सारे कंप्यूटर इंस्ट्रक्शन या कंप्यूटर कोड या निर्देशों का समूह होता है जिसके द्वारा कंप्युटर को संचालित किया जाता है या उससे कोई प्रमुख कार्य करवाया जाता है। सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का एक महत्त्वपूर्ण पार्ट होता है जिसके बिना ये हार्डवेयर के डब्बे से काम नहीं है।

जैसा की हमे पता है की हम हार्डवेयर को छू सकते हैं, देख सकते हैं लेकिन सॉफ्टवेयर को हम छू नहीं सकते हैं और नाही देख नहीं सकते हैं क्योकि सॉफ्टवेयर का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है इसे केवल समझा जा सकता है या कंप्यूटर पर चला कर देख सकते है।

आसान भाषा में कहे तो किसी भी प्रोग्राम के सेट को हम सॉफ्टवेयर कहते है जोकि की किसी कार्य को करवाने हेतु लिखा जाता है वह एक सॉफ्टवेयर कहलाता है।

अगर कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर नहीं होते तो यूजर के लिए कंप्यूटर पर किसी भी काम को करना असंभव था। हम भी काम किसी कंप्युटर द्वारा करते है वह सभी किसी न किसी सॉफ्टवेयर का उपयोग कर के ही किया जाता है।

प्रचलित सॉफ्टवेयर के उदाहरण –

  • नेट ब्राउज़र
  • एंटी वायरस
  • नोटपैड
  • कैलक्यूलेटर
  • टैली
  • एमएस ऑफिस
  • एमएस पैंट
  • म्यूजिक प्लेयर
  • वीडियो प्लेयर
  • फोटोशॉप
  • इत्यादि.

सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of Software in Hindi)


यदि हमे सॉफ्टवेयर के प्रकार की बात करे तो उनके उपयोग के आधार पर सॉफ्टवेयर यह मुख्यता तीन प्रकार के होते है जो की यह है –

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर
  • एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर
  • यूटिलिटी सॉफ्टवेयर

System Software क्या है ?


किसी भी कंप्यूटर का सबसे मुख्य सॉफ्टवेयर सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है। इसका साइज भी अन्य सॉफ्टवेयर की तुलना में बड़ा होता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को चालू करने में काम आता है। जब हम कंप्यूटर को स्टार्ट करते हैं तो सिस्टम सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को सक्रिय करता है और फिर उसके कार्यों को नियंत्रित करता है।

यह कंप्युटर को स्टार्ट करता है और कंप्यूटर के बेसिक काम को पूरा करवाता है वहीं इसे कंप्युटर के हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच एक प्लेटफार्म प्रोवाइड करते है । अगर सिस्टम सॉफ्टवेयर ना हो तो कंप्यूटर स्टार्ट ही नहीं होगा और ये केवल एक निर्जीव हार्डवेयर बॉक्स बन कर रह जाएगा।

वहीं सिस्टम सॉफ्टवेयर अपने कंप्युटर या लैपटॉप मे लगे सारे हार्डवेयर की पहचान रखता है और उसे काम करवाने में मदद करता है। ये सारे कंप्युटर हार्डवेयर को कंट्रोल करता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रमुख उदाहरण

Windows (विंडोज)
MacOS मैक ओस
Android (एंड्राइड)
IOS(एप्पल फ़ोन के लिए )
Unix यूनिक्स

Linux लिनक्स
Anti Virus (एंटी वायरस)
Audio, Graphic Driver (ऑडियो, ग्राफ़िक ड्राईवर)

सिस्टम सॉफ्टवेयर के उदाहरण

सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of System Software in Hindi)


कंप्यूटर में अनेक प्रकार के सिस्टम सॉफ्टवेयर होते हैं जिनका वर्गीकरण उनके उपयोग के अनुसार निम्न प्रकार के है –

1 – Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम )


ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर में सभी हार्डवेयर डिवाइस और सॉफ्टवेयर को संचालित करने का काम करता है। यही वो प्रोग्राम है जो की किसी भी कंप्यूटर को चालू करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर और यूजर के बीच में Interface की तरह कार्य करता ह। यह सभी सॉफ्टवेयर को रन करने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करता है। जब भी कंप्यूटर को स्टार्ट किया जाता है तो सबसे पहले लोड होने वाला प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम ही होता है। कंप्यूटर में चलने वाले सभी Operation को OS ही मैनेज करता है इसलिए इसे Programs Of Program भी कहते हैं.

कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड, विंडोज, लिनक्स, Mac IOS आदि हैं.

2 – Device Driver (डिवाइस ड्राइवर)

जब भी हम कंप्यूटर को कोई अन्य डिवाइस को Connect करते हैं तो उसके लिए कंप्यूटर में Driver इनस्टॉल होना जरुरी है जैसे माउस, कीबोर्ड सभी के लिए ड्राइवर इनस्टॉल किये जाते हैं। Device Driver भी एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर है। इसका कार्य हार्डवेयर को कंट्रोल करना होता है और यह सिस्टम से जुड़ा रहता है। डिवाइस ड्राइवर के द्वारा कंप्यूटर पहचान पाता है कि कौन सा डिवाइस कंप्यूटर से Connect हुआ है और उसका क्या कार्य है.

Device Driver एक प्रकार के सिस्टम सॉफ्टवेयर हैं जिसकी मदद से कंप्यूटर डिवाइस और कंप्यूटर से बाहर से लगाने वाले उपकरणों को कंप्यूटर से Communicate करने योग्य बनाया जाता है. Driver की मदद से ही कंप्यूटर से जुड़े सभी Component और External Device अपना कार्य सही ढंग से कर पाते हैं.

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर डिवाइस को निर्देश देता है अगर डिवाइस ड्राइवर नहीं होंगे तो OS किसी भी डिवाइस को कुछ भी निर्देश दे देगा जिससे यूजर कंप्यूटर पर कार्य ठीक ढंग से नहीं कर पायेगा.

हार्डवेयर डिवाइस कई प्रकार की होती है जैसे monitor, mouse, sound card, printer, और hard disks आदि devices को system से connect करने लिए device driver की जरुरत होती है।

यह दो प्रकार की होती है पहला Kernel device driver और दूसरा User device driver

नीचे डिवाइस ड्राइवर के कुछ उदाहरण दिए गए है।

BIOS Drive
Display Drivers
Printer Drivers
USB Drivers
ROM Drivers
Motherboard Drivers
VGA Drivers


3 – Translator (अनुवादक)


कंप्यूटर केवल मशीनी भाषा (Machine Language) को ही समझ पाते हैं इसलिए Translator का कंप्यूटर में कार्य होता है कि वह High Level Language को Machine Language में Translate करे, क्योंकि कंप्यूटर केवल Machine Language को ही समझ पाता है ।

Translator भी तीन प्रकार के होते हैं जिन्हें निर्माता कंपनी के द्वारा डिजाईन किया जाता है –

Compiler – कम्पाइलर ऐसे कंप्यूटर Program होते हैं जो High Level Programming Language का ट्रांसलेशन सीधे Machine Language में कर देते हैं ।
Assembler – Assembler भी एक प्रकार की Translator Software होता है जो कि Assembly Language को Binary Language (0, 1) में बदलता है ।
Interpreter – Interpreter भी Compiler की तरह High Level Language का अनुवाद Machine Language में करता है. लेकिन Interpreter Line By Line किसी Program को Machine Language में Translate करता है।

4 – Firmware (फर्मवेयर)
Firmware एक Operational Software होता है जो ROM या EPROM मेमोरी में Embedded किया जाता है। यह सभी हार्डवेयर के द्वारा होने वाली सभी Activity को Control करता है। Firmware यह Information प्रदान करता है कि कोई हार्डवेयर डिवाइस के साथ किस प्रकार से Interact करेगा।

5 – Utility Software (उपयोगी सॉफ्टवेयर)
Utility Software वे सॉफ्टवेयर होते हैं जिनका आकर छोटा होता है, जो यूजर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच काम करते हैं। Utility Software कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करते हैं. ये कंप्यूटर को Optimize, Maintain और Configure करने का कार्य करते हैं जैसे एंटी वायरस, Security, Backup, Network Programming आदि।

सॉफ्टवेयर कैसे बनाए जाते है, और यह कैसे काम करते है?

आप देखते होंगे कंप्यूटर में कई प्रकार के सॉफ्टवेयर मौजूद है। जिन्हें बनाने के लिए computer programmers की आवश्यकता होती है। यह programmers प्रोग्रामिंग भाषा जैसे Php, .Net, Python इत्यादि ,का प्रयोग करके कोड लिखते है जिसे कोडिंग कहते है इसके द्वारा वो एक प्रोग्राम तैयार करते है । इन सभी programs को interpreter और compiler द्वारा मशीनी भाषा में बदला जाता है। ताकि उसे कंप्यूटर समझ सके। तब कही जाकर एक सॉफ्टवेयर तैयार होता है।

फ्रीवेयर सॉफ्टवेयर क्या है? – What is a Freeware software?

Freeware software के नाम से आप जान सकते है यह सॉफ्टवेयर आप free में internet से download करके प्राप्त कर सकते है। इसको डाउनलोड करने में आपको किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता है।

केवल आप उस सॉफ्टवेयर की official website पर जा कर अपनी id से login करके सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर सकते है और अपने कंप्यूटर में install कर सकते है।

नीचे आप जानेंगे freeware software के कुछ नाम-

Team Viewer
Firefox
Abiword
VLC media player
Keynote
Notepad++
Adobe reader


दोस्तों इस पोस्ट के द्वारा आपने जाना की सॉफ्टवेयर क्या होता है? (what is software in computer?) ये कितने प्रकार के होते है (Types of software in computer), System software और Application software के बारे में उदहारण सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है ।

हमारे द्वारा what is software in computer? जानकारी आपके लिए ज्ञान वर्धक साबित हुई है तो आप इसे अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें और यदि इससे जुड़े कोई भी सवाल की जानकारी आप प्राप्त करना चाहते है तो हमें कमेंट अवश्य करें।

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