दोस्तों आप लोग ईमेल को सेंड और रिसीव करते ही होंगे। यदि आप जॉब करते है तो आप डेली ईमेल सेंड और रिसीव करते होंगे। आप वर्क नहीं करते है तो भी आप कभी कभी ईमेल सेंड करते ही होंगे । तो किसी को भी ईमेल सेंड करते समय आपने ईमेल में cc और bcc ऑप्शन आता है । तो क्या आप Cc और Bcc का अर्थ आप जानते है ? यदि आप इसका उपयोग नहीं जानते तो आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ की इसका क्या उपयोग होता है और Cc, Bcc उपयोग आपको कब करना चाहिए।
cc क्या है ?
cc का फुल फॉर्म कार्बन कॉपी Carbon Copy होता है जैसा की इसके नाम से जी पता चल जाता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब एक ही मेल को कई सारे लोगो को भेजना होता है । जब भी ऐसी सिचुएशन आती है तो अगर आप एक एक ईमेल भेजेंगे तो आपको बार बार मेल लिखना पड़ता है और सेन्डर को ऐड करना पड़ेगा । ऐसे में आपका समय बर्बाद होता है। लेकिन इस फीचर का use करके आप एक ही मेल को कई लोगो को एक साथ बिना समय बर्बाद किये भेज सकते है। इसमें आप एक साथ सारे सेन्डर लिस्ट के ईमेल को ऐड करके सेंड कर सकते है।
दोस्तों Cc फीचर का use कंपनिया अपने वर्कर या कस्टमर को मेल भेजने में करती है। क्योंकि ऐसे में उन्हें एक ही मेल कई लोगो को भेजना होता है। और बार बार लिखना या कॉपी पेस्ट करने में समय ज्यादा बर्बाद हो जाता है।
इस तरह से Cc का उपयोग करके ईमेल भजते है तो आप जितने लोगो को cc का use करके मेल सेंड करेंगे उन सभी को पता होगा की किसको किसको मेल सेंड किया गया है। और जितने भी लोगो को मेल सेंड किया है सबको एक दुसरे का ईमेल id भी दिखाई देगा ।
CC और TO में क्या अंतर है ?
आप सामान्यतः आप to का use करके आप ईमेल करते होंगे । यदि आप to का use करके मेल सेंड करते है तो किसी भी ईमेल रिसीवर को ये नहीं पता चलेगा की किस किस को मेल सेंड किया गया है ।
Bcc क्या है ?
दोस्तों BCC का फुल फॉर्म Blind Carbon Copy है । जब हम कई लोगो के पास ईमेल भेजते है और आप चाहते है की उनको ईमेल प्राप्त करने वालो की लिस्ट का पता न चले अर्थात किस किस को ये मेल सेंड की है ये उन्हें पता न चले । तो इसके लिए आप BCC का उपयोग कर सकते है । CC में list को reply का भी पता चलता रहता है लेकिन BCC list में reply भी नहीं देख सकते है जाता है।
Cc और Bcc में क्या अंतर है ?
जब भी आप ईमेल Ccका उपयोग करके मल्टीप्ल ईमेल सेन्डर की लिस्ट ऐड करते है तो Cc की लिस्ट भी ईमेल रिसीव करने वाले सभी लोगो के पास ईमेल सेन्डर की लिस्ट चली जाती है। और कोई भी ईमेल रिसीवर ये देख सकता है की ये ईमेल किस किस को भेजा गया है। लेकिन Bcc करने से ईमेल सेन्डर की लिस्ट गुप्त रहती है और किसी को भी नहीं पता चलता कि किस-किस को ईमेल की कॉपी भेजी गई है। एक अंतर और है, Cc में लिस्ट को रिप्लाई का भी पता चलता रहता है लेकिन Bcc लिस्ट में reply छिप जाता है।
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